Wednesday 10 May 2017

ख्याल आपके

ख़्वाहिश जैसे ही ख़्याल आपके।
आँखें पूछे लाखों सवाल आपके।।

अब तक खुशबू से महक रहे है,
फूल बन गये है रूमाल आपके।

सुरुर बन चढ़ गये जेहन के जीने,
काश कि न उतरे जमाल आपके।

कर गये घायल लफ़्ज़ों से छु्कर,
मन को भा रहे है कमाल आपके।

दिल की ज़िद है धड़कना छोड़ दे,
न हो जिस पल में ख़्याल आपके।


#श्वेता🍁

8 comments:

  1. कर गये घायल लफ्जो से छु्कर
    beautiful lines sweta ji
    keep up the good work !!

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    1. शुक्रिया आपका बहुत बहुत संजय जी।
      आपकी शुभकामनाओं के लिए हृदय से आभार।।

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  2. दिल कि जिद है धड़कना छोड़ दे
    न हो जिस पल में ख्याल आपके
    जबरदस्त
    शानदार
    बहुत खूब

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  3. आखर, अन्तरा, अंदाज, आसमानी
    आस, अहसास, अश्क़,अमन,अदावत
    क़लाम क़लम के काविज कहाँ- कहाँ
    रूह रँगरेज, रुबाईयां रोशन, रब्बानी राहत
    पाकीज़ा पर परस्तिश परस्त कमल आपके

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  4. सुंदर रचना,
    अब तक खुशबू से महक रहे है,
    फूल बन गये है रूमाल आपके।

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  5. __________________🌹🌹


    Suno Jaana ________________________🌹🌹
    Mai Akser Sochta Hoon
    Wo Darjen Bhar Mahino Mai
    Sada Mumtaaz Lagta Hai
    November Kis Liye Aakhir
    Humesha Khass Lagta Hai
    Buht Sehmi Huii Subhaain
    Udassi Se Bharri Shaamain
    Dupher Roii Roii Si
    Wo Raatain Khoi Khoi Si
    Wo Thandi Thandi Hawao Ka
    Wo Kam Roshan Ujaalo Ka
    Kabhi Guzere Hawaalo Ka
    Kabhi Mushkil Sawaalo Ka
    Bichar Jaane Ki Mayoussi
    Millan Ki Ass Lagta Hai
    November iss Liye Shayed
    Humesha Khass Lagta Hai __________🌹🌹
    🌹

    🌹

    🌹#akhil kumar___________🌹🌹

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  6. प्रिय श्वेता जी -- एक से बढ़कर एक शेरों से सजी रचना मन को रुहानी आनंद देती है ---------- सस्नेह

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।

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मैं  नित्य सुनती हूँ कराह वृद्धों और रोगियों की, निरंतर देखती हूँ अनगिनत जलती चिताएँ परंतु नहीं होता  मेरा हृदयपरिवर...